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जब भीड़ की बात हो और वोट का लालच; कनाडा के ही पत्रकार ने बता दी जस्टिन ट्रूडो की सच्चाई

भारत और कनाडा के बीच संबंध लगातार खराब हो रहे हैं। इस बीच कनाडा के एक वरिष्ठ पत्रकार की किताब के हवाले से यह बात सामने आई है कि आखिर वहां सिख अलगाववादियों पर सख्ती क्यों नहीं हो रही है?

Deepakलाइव हिंदुस्तान,ओट्टावाTue, 19 Sep 2023 07:40 PM
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कनाडा में खालिस्तान को मिल रहे समर्थन को लेकर भारत के साथ उसके रिश्ते दांव पर लग चुके हैं। कनाडा किसी भी तरह से खालिस्तानी आतंकियों के खिलाफ ऐक्शन लेने के लिए तैयार नहीं है। उलटे, कनाडा ने भारत के राजदूत को बाहर का रास्ता दिखा दिया। सवाल उठता है आखिर वह कौन सी वजह है, जिसके चलते कनाडा में सियासत खालिस्तान और सिख अलगाववादियों के खिलाफ नहीं जाना चाहती? इस बात का जवाब कनाडा के एक सीनियर पत्रकार टेरी मिलेव्स्की ने अपनी किताब में दिया है। उन्होंने इसके पीछे की वजह कनाडा की बड़ी सिख आबादी और वोट के लालच को बताया है। गौरतलब है कि भारतीय विदेश मंत्री एस जयशंकर ने भी इसके पीछे कनाडा की वोट बैंक पॉलिटिक्स का हवाला दिया था।

इस किताब में कही बात
टेरी मिलेव्स्की कनाडा के वरिष्ठ पत्रकार हैं। 1949 में जन्मे टेरी ने साल 2021 में एक किताब लिखी थी ‘ब्लड फॉर ब्लड: फिफ्टी ईयर्स ऑफ द ग्लोबल खालिस्तान प्रोजेक्ट’। किताब में इस सवाल का जवाब दिया गया है कि आखिर कनाडा में नेताओं द्वारा सिख अलगाववादियों को इस कदर समर्थन क्यों मिलता है। मिलेव्स्की ने लिखा है कि इसके पीछे वजह है कनाडा में सिख आबादी। वैसाखी दिवस पर पर यहां लाखों की भीड़ उमड़ती है। मिलेव्स्की लिखते हैं कि उन्हें पता है उन्हें वोट तभी मिलेगा, जब वो इनके खिलाफ कुछ नहीं बोलेंगे। मुंह खोलने पर इन्हें वोट खोने का डर है। बता दें कि कनाडा में सिखों की आबादी काफी ज्यादा है। कनाडा की जनगणना के मुताबिक यहां की कुल आबादी का 2.1 फीसदी सिख हैं। यह देश का सबसे ज्यादा तेजी से बढ़ता धार्मिक ग्रुप है। 

इसलिए है तनातनी
गौरतलब है कि भारत और कनाडा के बीच राजनयिक संबंध पिछले कुछ दिनों से तनावपूर्ण हैं। भारत का कहना है कि कनाडा अपनी धरती पर सिख अलगाववादियों को समर्थन दे रहा है। प्रतिबंधित खालिस्तान टाइगर फोर्स (केटीएफ) के प्रमुख और भारत के मोस्ट वांटेड आतंकवादी हरदीप सिंह निज्जर (45) की पश्चिमी कनाडा के ब्रिटिश कोलंबिया प्रांत के सरे में 18 जून को एक गुरुद्वारे के बाहर दो अज्ञात हमलावरों ने गोली मारकर हत्या कर दी थी। इस पर कनाडा के प्रधानमंत्री ट्रूडो ने संसद में कहा था कि जून में निज्जर की हत्या और भारत सरकार के एजेंट के बीच संभावित संबंध के पुख्ता आरोपों की कनाडा की सुरक्षा एजेंसियां पूरी सक्रियता से जांच कर रही हैं। वहीं, विदेश मंत्रालय ने भारत पर लगाए गए आरोपों को लेकर कड़ी प्रतिक्रिया दी थी। भारत ने कहा कि कनाडा में हिंसा के किसी भी कृत्य में भारत की संलिप्तता के आरोप बेतुके और बेबुनियाद हैं। 

भारत ने भी लिया कड़ा ऐक्शन
निज्जर की हत्या के तार भारत से जुड़े होने का आरोप लगाकर एक भारतीय अधिकारी को कनाडा द्वारा निष्कासित भी कर दिया गया। कनाडा की विदेश मंत्री मेलानी जोली ने बताा कि निष्कासित किए गए राजनयिक पवन कुमार राय ‘रिसर्च एंड एनालिसिस विंग’ (रॉ) के प्रमुख हैं। भारतीय राजनयिक को निष्कासित किए जाने के कुछ ही घंटे बाद, भारत ने ‘जैसे को तैसा’ की कार्रवाई करते हुए एक कनाडाई राजनयिक को मंगलवार को निष्कासित करने की घोषणा की।  भारत में कनाडा के उच्चायुक्त कैमरून मैके को विदेश मंत्रालय ने तलब किया और वरिष्ठ कनाडाई राजनयिक को निष्कासित करने के फैसले के बारे में सूचित किया।

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