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क्या कनाडा से तनाव के बीच भारत से ट्रेड डील रोकेगा ब्रिटेन? क्या बोली ऋषि सुनक सरकार

ब्रिटेन ने भारत के साथ व्यापार वार्ता जारी रखने की घोषणा की है। सुनक के प्रवक्ता ने कहा कि ब्रिटेन इन आरोपों को लेकर कनाडा के संपर्क में है, लेकिन ट्रेड डील पर इसका कोई असर नहीं पड़ेगा।

Niteesh Kumarलाइव हिन्दुस्तान,लंदनTue, 19 Sep 2023 06:16 PM
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कनाडा ने खालिस्तान समर्थक अलगाववादी नेता की हत्या के तार भारत से जुड़े होने के आरोप लगाए हैं। हालांकि, कनाडा के प्रधानमंत्री जस्टिन ट्रूडो के आरोपों को भारत ने बेतुका बताते हुए मंगलवार को खारिज कर दिया। दोनों देशों में बढ़ते तनाव के बीच चर्चा यह भी शुरू हो गई कि कहीं भारत के साथ ब्रिटेन ट्रेड डील को रोक न दे। मगर, ब्रिटेन ने भारत के साथ व्यापार वार्ता जारी रखने की घोषणा की है। प्रधानमंत्री ऋषि सुनक के प्रवक्ता ने कहा कि ब्रिटेन इन गंभीर आरोपों को लेकर कनाडा के संपर्क में है, लेकिन भारत के साथ ट्रेड डील पर इसका कोई असर नहीं पड़ेगा। 

पीएम सुनक के प्रवक्ता ने कहा, 'व्यापार वार्ता पर काम पहले की तरह जारी रहेगा। कनाडाई अधिकारी अब अपना काम करेंगे और मैं उन्हें छूट नहीं दूंगा।' उन्होंने कहा कि जब हमें उन देशों को लेकर चिंता होती है जिनके साथ व्यापार समझौते पर बातचीत चल रही हो, तो हम वहां की सरकार से सीधे बातचीत करते हैं। प्रवक्ता ने यह साफ तौर पर कहा कि भारत के साथ यह मामला व्यापार समझौते को लेकर बातचीत से जुड़ा है और हम उन्हें दूसरे मसलों में उलझना नहीं चाहते हैं।

भारत ने कनाडाई राजनयिक को किया निष्कासित
बता दें कि भारत ने इस मामले को लेकर भारतीय अधिकारी को कनाडा की ओर से निष्कासित किए जाने के जवाब में सीनियर कनाडाई राजनयिक को देश से निष्कासित कर दिया। यह कार्रवाई बताती है कि भारत और कनाडा के संबंध काफी तनावपूर्ण हो रहे हैं। इससे कुछ ही दिन पहले दोनों पक्षों ने द्विपक्षीय मुक्त व्यापार समझौते संबंधी अपनी वार्ता को रोकने का फैसला किया था। दोनों देशों के बीच संबंध कनाडा में खालिस्तान समर्थक तत्वों की बढ़ती गतिविधियों के कारण तनावपूर्ण हैं।

'आंतरिक मामलों में कनाडाई राजनयिकों का हस्तक्षेप'
भारत में कनाडा के उच्चायुक्त कैमरून मैके को विदेश मंत्रालय ने तलब किया और वरिष्ठ कनाडाई राजनयिक को निष्कासित करने के फैसले के बारे में सूचित किया। विदेश मंत्रालय ने बताया कि यह कदम हमारे आंतरिक मामलों में कनाडाई राजनयिकों के हस्तक्षेप और भारत विरोधी गतिविधियों में उनकी संलिप्तता को लेकर भारत की बढ़ती चिंता को दर्शाता है। विदेश मंत्रालय ने ट्रूडो और उनकी विदेश मंत्री के बयानों पर कड़ी प्रतिक्रिया दी। मंत्रालय की ओर से कहा गया, 'इस तरह के बेबुनियाद आरोप खालिस्तानी आतंकवादियों और चरमपंथियों से ध्यान हटाने की कोशिश हैं, जिन्हें कनाडा में आश्रय प्रदान किया गया है। ये भारत की संप्रभुता और क्षेत्रीय अखंडता के लिए खतरा बने हुए हैं।'
(एजेंसी इनपुट के साथ)

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