वाजपेयी पीएम बने तो 1 अरब था भारत का मुद्रा भंडार, अब 600 पार; नवाज शरीफ ने पाकिस्तान को बताया भिखमंगा
शरीफ ने आर्थिक संकट के लिए देश के पूर्व सेना जनरलों और न्यायाधीशों को जिम्मेदार ठहराते हुए कहा है कि उनका देश दुनिया से पैसा मांग रहा है जबकि भारत चांद पर पहुंच गया है, जी20 की मेजबानी कर रहा है।
अर्थिक बदहाली से जूझ रहे पाकिस्तान को अब उसके ही पूर्व प्रधानमंत्री ने भीख मांगे वाला देश करार दिया। पाकिस्तान के पूर्व प्रधानमंत्री नवाज शरीफ ने आर्थिक संकट के लिए देश के पूर्व सेना जनरलों और न्यायाधीशों को जिम्मेदार ठहराते हुए कहा है कि उनका देश दुनिया से पैसा मांग रहा है जबकि भारत चांद पर पहुंच गया है और जी20 शिखर सम्मेलन की मेजबानी कर रहा है।
पाकिस्तान की अर्थव्यवस्था पिछले कई वर्षों से तेजी से गिरावट की स्थिति में है। महंगाई ने लोगों का जीना दूभर कर दिया है। शरीफ ने सोमवार शाम को वीडियो लिंक के जरिए लंदन से लाहौर में एक पार्टी बैठक को संबोधित करते हुए पूछा, "आज पाकिस्तान के प्रधानमंत्री पैसों की भीख मांगने के लिए देश-देश घूम रहे हैं, जबकि भारत चांद पर पहुंच गया है और जी20 बैठकें कर रहा है। भारत ने जो उपलब्धि हासिल की, वह पाकिस्तान क्यों हासिल नहीं कर सका। यहां इसके लिए कौन जिम्मेदार है?"
पाकिस्तान मुस्लिम लीग-नवाज (पीएमएल-एन) पार्टी के 73 वर्षीय सर्वोच्च नेता ने आगे कहा कि भारत ने 1990 में उनकी सरकार द्वारा शुरू किए गए आर्थिक सुधारों का पालन किया था। उन्होंने कहा, "जब अटल बिहारी वाजपेयी भारत के प्रधानमंत्री बने, तो उनके पास केवल एक अरब डॉलर थे, लेकिन अब भारत का विदेशी मुद्रा भंडार 600 अरब डॉलर तक बढ़ गया है।'' उन्होंने सवाल किया कि भारत आज कहां पहुंच गया है और पाकिस्तान दुनिया से कुछ पैसों की भीख रहा है।
बता दें कि नवाज शरीफ ने पहली बार आगामी चुनावों में पार्टी के राजनीतिक अभियान का नेतृत्व करने के लिए 21 अक्टूबर को देश लौटने की घोषणा की है। वे चार साल से अधिक समय से ब्रिटेन में रह रहे हैं। नवंबर 2019 में, अलअजीजिया मिल्स भ्रष्टाचार मामले में सात साल की जेल की सजा काट रहे शरीफ को तत्कालीन सेना प्रमुख जनरल बाजवा ने चिकित्सा आधार पर देश छोड़ने में मदद की थी। पीएमएल-एन का कहना है कि वह अगले महीने उनके लाहौर पहुंचने से पहले उनके लिए सुरक्षात्मक जमानत हासिल कर लेगी। उनकी वापसी पर उनकी पार्टी ने ऐतिहासिक स्वागत की योजना बनाई है।
शरीफ ने 2017 में सैन्य और न्यायिक प्रतिष्ठान पर जमकर हमला बोला था जिसके बाद उनकी सत्ता चली गई थी। शरीफ ने अपने भावनात्मक भाषण में कहा, "जिस व्यक्ति (नवाज) ने देश को बिजली कटौती से छुटकारा दिलाया, उसे चार न्यायाधीशों ने घर भेज दिया।" उन्होंने कहा कि तत्कालीन सेना प्रमुख जनरल कमर जावेद बाजवा और तत्कालीन इंटर-सर्विसेज इंटेलिजेंस (आईएसआई) प्रमुख जनरल फैज हामिद उनके निष्कासन के पीछे थे।
उन्होंने कहा, "(पूर्व) मुख्य न्यायाधीश साकिब निसार और आसिफ सईद खोसा (पूर्व सेना प्रमुख और उनके जासूस प्रमुख) के टूल थे। उनका अपराध हत्या के अपराध से भी बड़ा है। उन्हें क्षमा करना देश के साथ अन्याय होगा।'' उन्होंने प्रतिज्ञा लेते हुए कहा, "पाकिस्तान के लोगों पर आर्थिक संकट फैलाने वाले इन 'पात्रों' को जवाबदेही का सामना करना होगा।" शरीफ ने यह भी घोषणा की कि उनकी पार्टी आगामी आम चुनाव में जीत हासिल करेगी।