हम कनाडा के साथ संपर्क में हैं, भारत जांच में करे सहयोग; अब बीच में कूदा अमेरिका
एक रिपोर्ट के मुताबिक, ट्रूडो ने ब्रिटेन के PM सुनक, फ्रांस के राष्ट्रपति इमैनुएल मैक्रों और US राष्ट्रपति बाइडन सहित कनाडा के कुछ करीबी सहयोगी देशों के नेताओं को मामले के बारे में जानकारी दी है।
भारत और कनाडा के रिश्ते अपने सबसे निचले स्तर पर हैं। कनाडाई प्रधानमंत्री जस्टिन ट्रूडो ने सोमवार को भारत पर गंभीर आरोप लगाए। उन्होंने कहा कि एक सिख नेता की हत्या के तार ‘‘संभवत:’’ भारत से जुड़े हैं। ट्रूडो के आरोपों को भारत ने ‘‘बेतुका’’ और ‘‘निहित स्वार्थों से प्रेरित’’ बताते हुए मंगलवार को खारिज कर दिया। इस मामले को लेकर एक भारतीय अधिकारी को कनाडा द्वारा निष्कासित किए जाने के जवाब में भारत ने भी एक वरिष्ठ कनाडाई राजनयिक को देश से निष्कासित कर दिया।
जांच में सहयोग करे भारत- अमेरिका
इस पूरे मामले पर अब अमेरिका की भी प्रतिक्रिया सामने आई है। अमेरिका ने कहा है कि वह कनाडा में एक सिख कार्यकर्ता की हत्या को लेकर कनाडा के प्रधानमंत्री जस्टिन ट्रूडो द्वारा सोमवार को भारत सरकार पर लगाए गए आरोपों से "बेहद चिंतित" है। समाचार एजेंसी रॉयटर्स ने अमेरिकी विदेश विभाग के वरिष्ठ अधिकारी के हवाले से लिखा, "अमेरिका मारे गए सिख नेता के संबंध में कनाडा के साथ निकट संपर्क में है। हम भारत से जांच में सहयोग करने का आग्रह करते हैं।"
अपने करीबी देशों को बता चुके हैं ट्रूडो
इससे पहले सीबीसी न्यूज ने एक अज्ञात कनाडाई सरकारी सूत्र के हवाले से कहा कि ट्रूडो ने ब्रिटेन के प्रधानमंत्री ऋषि सुनक, फ्रांस के राष्ट्रपति इमैनुएल मैक्रों और अमेरिका के राष्ट्रपति जो बाइडन सहित कनाडा के कुछ करीबी सहयोगी देशों के नेताओं को मामले के बारे में जानकारी दी है। अमेरिका के राष्ट्रपति के आधिकारिक आवास एवं कार्यालय व्हाइट हाउस ने कहा है कि वह ट्रूडो द्वारा लगाए गए आरोपों को लेकर बहुत चिंतित है।
व्हाइट हाउस राष्ट्रीय सुरक्षा परिषद की प्रवक्ता एड्रिएन वॉटसन ने कहा, ‘‘हम प्रधानमंत्री ट्रूडो द्वारा लगाए आरोपों को लेकर बहुत चिंतित हैं।’’ ‘एसोसिएटेड प्रेस’ ने वाटसन के हवाले से कहा, ‘‘हम अपने कनाडाई साझेदारों के नियमित संपर्क में रहते हैं। यह महत्वपूर्ण है कि कनाडा की जांच आगे बढ़े और अपराधियों को न्याय के कटघरे में लाया जाए।’’
भारत पहले की कर चुका है आगाह
गौरतलब है कि पीएम मोदी ने 10 सितंबर को ट्रूडो के साथ बातचीत के दौरान उन्हें कनाडा में चरमपंथी तत्वों द्वारा जारी भारत विरोधी गतिविधियों को लेकर भारत की चिंताओं से अवगत कराया था क्योंकि ये तत्व अलगाववाद को बढ़ावा दे रहे हैं और भारतीय राजनयिकों के खिलाफ हिंसा भड़का रहे हैं तथा वहां भारतीय समुदाय को डरा रहे हैं। भारत ने जुलाई में भी कनाडा के उच्चायुक्त को तलब किया था और कनाडा में खालिस्तान समर्थकों की बढ़ती गतिविधियों पर एक आपत्ति जताने वाला पत्र जारी किया था। खालिस्तान समर्थक समूहों द्वारा भारतीय राजनयिकों से संबंधित कुछ पोस्टर जारी किए जाने के बाद कनाडा के उच्चायुक्त को तलब किया गया था।