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Hindi News देशक्या अभी भी पेंडिंग है कांग्रेस का लाया महिला आरक्षण बिल? अधीर के दावों पर शाह ने मांगा सबूत

क्या अभी भी पेंडिंग है कांग्रेस का लाया महिला आरक्षण बिल? अधीर के दावों पर शाह ने मांगा सबूत

चौधरी ने सदन को बताया कि संयुक्त प्रगतिशील गठबंधन (यूपीए) द्वारा पेश किया गया पुराना महिला आरक्षण विधेयक अभी भी सदन के समक्ष लंबित है। उन्होंने यह भी कहा कि पुराने बिल को लोकसभा से मंजूरी मिल चुकी है।

Amit Kumarलाइव हिन्दुस्तान,नई दिल्लीTue, 19 Sep 2023 04:34 PM
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मंगलवार को लोकसभा में विपक्ष के नेता (एलओपी) अधीर रंजन चौधरी के एक दावे पर केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह को हस्तक्षेप करना पड़ा। अमित शाह ने अधीर रंजन चौधरी से महिला आरक्षण विधेयक से संबंधित उनके "तथ्यात्मक रूप से गलत बयानों" पर स्पष्टीकरण देने को कहा। मंगलवार को अधीर चौधरी ने सदन को बताया कि संयुक्त प्रगतिशील गठबंधन (यूपीए) द्वारा पेश किया गया पुराना महिला आरक्षण विधेयक अभी भी सदन के समक्ष लंबित है। उन्होंने यह भी कहा कि पुराने बिल को लोकसभा से मंजूरी मिल चुकी है।

अधीर रंजन चौधरी ने कहा, "राजीव गांधी, पीवी नरसिम्हा राव और मनमोहन सिंह जैसे विभिन्न प्रधानमंत्रियों ने विधेयक पेश किया। कुछ मौकों पर विधेयक राज्यसभा में पारित हो गया, लेकिन लोकसभा में नहीं हो पाया। कभी-कभी यह लोकसभा में पारित हो गया, लेकिन राज्यसभा में नहीं हो सका। पूर्व पीएम डॉ. मनमोहन सिंह के कार्यकाल में लाया गया बिल आज भी लंबित है। इसे राज्यसभा ने पारित कर दिया गया था...कांग्रेस कार्य समिति (सीडब्ल्यूसी) ने भी अपनी बैठक में एक प्रस्ताव पारित किया कि विधेयक को मंजूरी दी जानी चाहिए।" उन्होंने कहा कि कांग्रेस की पूर्व अध्यक्ष सोनिया गांधी ने भी लंबित विधेयक और इसके महत्व के बारे में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को पत्र लिखा था।

इस पर केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने तुरंत हस्तक्षेप किया और सदन को बताया कि अधीर रंजन चौधरी ने तथ्यात्मक रूप से गलत बयान दिया है। शाह ने सदन में कहा, ''अधीर रंजन चौधरी द्वारा दो तथ्यात्मक गलत बयान दिए गए हैं। उन्हें अपना बयान वापस लेना चाहिए या सबूत सामने लाकर सदन के पटल पर रखना चाहिए। उन्होंने कहा कि महिला आरक्षण बिल लोकसभा के समय में पारित हुआ था। गलत है क्योंकि यह कभी पारित नहीं हुआ। उन्होंने यह भी कहा कि पुराना विधेयक अभी भी लोकसभा में है। मैं कहना चाहता हूं कि 2014 में लोकसभा का कार्यकाल समाप्त होने के बाद यह विधेयक समाप्त हो गया है।''

बता दें कि सरकार ने संसद के निचले सदन, राज्य विधानसभाओं और दिल्ली विधानसभा में महिलाओं को एक तिहाई आरक्षण प्रदान करने से संबंधित ऐतिहासिक नारीशक्ति वंदन विधेयक को मंगलवार को लोकसभा में पेश कर दिया। विधि एवं न्याय मंत्री (स्वतंत्र प्रभार) अर्जुनराम मेघवाल ने विपक्ष के शोर-शराबे के विपक्ष संविधान (एक सौ अट्ठाईसवां संशोधन) विधेयक, 2023 पेश किया। नये संसद भवन में पेश होने वाला यह पहला विधेयक है।

मेघवाल ने विधेयक पेश करते हुए कहा कि यह विधेयक महिला सशक्तीकरण से संबंधित विधेयक है और इसके कानून बन जाने के बाद 543 सदस्यों वाली लोकसभा में महिला सदस्यों की मौजूदा संख्या (82) बढ़कर 181 हो जाएगी। इसके पारित होने के बाद विधानसभाओं में भी महिलाओं के लिए 33 प्रतिशत सीट आरक्षित हो जाएंगी।  उन्होंने कहा कि विधेयक में फिलहाल 15 साल के लिए आरक्षण का प्रावधान किया गया है और संसद को इसे बढ़ाने का अधिकार होगा। मेघवाल ने 2010 में महिला आरक्षण विधेयक राज्यसभा में पारित होने के बाद उसे लोकसभा से पारित न कराने को लेकर तत्कालीन मनमोहन सिंह सरकार की मंशा पर संदेह व्यक्त किया। 

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